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जीवन को आनंदमयी बनाती है सम्बंधों में पवित्रता: मुनि सुधासागर ने सोमासती और उसके पति का दिया उद्धरण


सारांश

ललितपुर के अभिनंदनोदय तीर्थ में धर्मसभा को अपने सम्बोधन में निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज ने इज्जत की महिमा का बखान किया। श्रमण संस्कृति संस्कार केन्द्र, खनियाधाना के छात्रों ने सराहनीय प्रस्तुति की। राजीव सिंघई मोनू की रिपोर्ट।


ललितपुर। अभिनंदनोदय तीर्थ में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज ने कहा है कि सम्बंधों में पवित्रता जीवन को आनंदमयी बनाती है। आपसी संबंध पिता और पुत्र के हों, भाई-बहिन के हों या पति- पत्नी के, सम्बंधों में पवित्रता रहेगी तो कभी भी संबंधों में भी चमत्कार हो सकता है। मुनि श्री ने कहा कि बेइज्जत वाले को कोई फर्क नहीं पड़ता। हमेशा फर्क इज्जत वाले को पड़ता है। निर्यापक श्रमण मुनि श्री ने सोमासती और उसके पति का उद्धरण देते हुए बताया कि सति सोमा का मन पवित्र था। वह सोचती कि पति मुझे इतना चाहता है कि जन्मदिन पर रत्नों का हार लाया है। जब सोमासती ने हंडे में हाथ डाला तो चमत्कार हो गया और नाग का हार बन गया।

अभिनंदननाथ भगवान का पूजन अभिषेक
इसके पूर्व शनिवार को प्रातःकाल श्रावकों ने मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का पूजन अभिषेक का पुण्यार्जन किया। इसके उपरान्त धर्मसभा का शुभारम्भ पुण्यार्जक परिवार ने आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर मुनि श्री का पादप्रक्षालन किया। धर्मसभा का संचालन महामंत्री डा. अक्षय टडैया ने किया।

आहारचर्या देखने के लिए श्रावकों की भीड़ रही
अभिनंदनोदय तीर्थ पर आज मुनि सुधासागर महाराज एवं आर्यिका आदर्शमति माता जी ससंघ के पडगाहन एवं आहारचर्या देखने की श्रावकों की भीड़ रही। मुनि श्री सुधासागर महाराज का पडगाहन जिनेन्द्र जैन, मुनि पूज्य सागर महाराज को पडगाहन शीलचंद जैन गुगरवारा, आर्यिका आदर्शमति माता जी को पडगाहन संजय मोदी, एलक धैर्यासागर महाराज को पडगाहन सनत जैन बंट एवं क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज को पडगाहन डा. संजीव जैन बजाज को मिला।

इसके पूर्व मुनि सुधासागर महाराज एवं मुनि पूज्यसागर महाराज के सान्निध्य में अभिनंदनोदय तीर्थ पर पुण्यार्जक परिवारों ने अभिषेक पूजन किया और मुनि श्री के मुखारविन्द से शान्तिधारा हुई। धर्मसभा का शुभारम्भ संत शिरोमणिआचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र का अनावरण एवं दीपप्रज्जवलन कर हुआ। इस मौके पर श्रमण संस्कृति संस्कार केन्द्र, खनियाधाना के छात्रों ने प्राचार्य रवि जैन के संयोजन में सराहनीय प्रस्तुति की जिसको उपस्थित जनों से सराहा।

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