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सुख के साधन छोड़ना ही सच्चा सुख: श्रमण मुनि सुधासागर महाराज का व्याख्यान

सुख के साधन छोड़ना ही सच्चा सुख

श्रमण मुनि सुधासागर महाराज का व्याख्यान


सारांश

 ललितपुर के अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनिसंघ के सान्निध्य में अपूर्व धर्म प्रभावना हो रही है। श्रावकों ने मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का पूजन अभिषेक का पुण्यार्जन किया। साथ ही जयपुर से पहुंची मूर्तियों पर कारीगरों ने प्रशस्ति लेखन का काम किया। राजीव सिंघई मोनू की रिपोर्ट…


 

ललितपुर। अभिनंदनोदय तीर्थक्षेत्र ललितपुर में धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज ने कहा है कि जैन दर्शन के जरिए अभाव में सद्भाव की अनुभूति मिलती है। सुख के साधन छोड़ने को ही सच्चा सुख बताते हुए कहा कि साधु उपसर्ग में दुखी नहीं होता। वैर, द्वैष के कारण नहीं, राग में होता है।

राग ही ऐसा दुश्मन है जिसमें व्यक्ति जीवन का सुख छोड़कर पतन में पहुंचता है। इष्ट के वियोग में हमारी शक्तियां क्षीण होती है जिससे बचना चाहिए। मुनि श्री सुधासागर महाराज ने आगे कहा कि व्यक्ति संसार में जन्म लेने बाद सुखी हो जाए, यह संभव नहीं। हमें अपनी इच्छाओं को सीमित कर धर्म से जुड़कर संतोष धारण करना चाहिए।

 

पुण्यार्जक परिवार ने मुनि श्री का किया पादप्रक्षालन

 

इसके पूर्व गुरुवार को प्रातःकाल श्रावकों ने मूलनायक अभिनंदननाथ भगवान का पूजन अभिषेक का

पुण्यार्जन किया। धर्मसभा का शुभारम्भ पुण्यार्जक परिवार ने आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित और मुनि श्री का पादप्रक्षालन किया। संचालन महामंत्री डा. अक्षय टडैया ने किया।

अभिनंदनोदय तीर्थ पर था धर्ममय वातावरण

गुरुवार को अभिनंदनोदय तीर्थ पर नजारा देखते ही बनता था। निर्यापक मुनि सुधासागर महाराज ससंघ एवं आर्यिका आदर्शमति माता जी ससंघ को श्रावकों ने नवदा भक्तिपूर्वक पडगाहन का पुण्यार्जन किया।

निर्यापक मुनि पुंगव सुधासागर महाराज का पडगाहन सुरेश चंद स्वतंत्र जैन इमलिया परिवार, मुनि पूज्य सागर महाराज का पडगाहन डा. संजीव जैन राजीव जैन बजाज परिवार, आर्यिका आदर्शमति माता जी का पडगाहन मक्खन सिंघई एलक धैय सागर महाराज के पडगाहन महेश कुमार पद्मचंद आबू परिवार एवं क्षुल्लक गंभीर सागर महाराज का पडगाहन एवं राकेश जैन एड. महरौनी परिवार को प्राप्त हुआ।

 

 

 

कारीगरों ने किया मूर्तियों पर प्रशस्ति लेखन

 

अभिनंदनोदय तीर्थ में मुनि श्री सुधासागर महाराज के आशीर्वाद से 28 जनवरी से शुरू होने वाले पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव की तैयारियां इन दिनों तेजी से शुरू हो गई हैं। इन दिनों जयपुर से आईं मूर्तियों पर कारीगरों द्वारा प्रशस्ति लेखन का कार्य आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है।

मूर्ति पुण्यार्जकों की प्रशस्ति लेखन के उपरान्त प्रतिष्ठाचार्य बालब्रह्मचारी प्रदीप भैया सुयश अशोकनगर के मार्गदर्शन में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की मांगलिक क्रियाएं सम्पन्न होगी।

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