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अभूतपूर्व स्वागत के बीच किशनगढ़ पधारे वात्सल्य वारिधि जी: 22 जनवरी को होगा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव


सारांश

किशनगढ़ की धरा पर वात्सल्य वारिधि आचार्य श्री वर्धमान सागर का पावन मंगल प्रवेश हुआ । जिस समय महाराज जी का आगमन हुआ मानों पूरा किशनगढ़ ही सड़कों पर महाराज श्री का स्वागत करने उमड़ आया हो । न धर्म और न जाति का बंधन, मानवता की मिसाल आचार्य जी के दर्शन की कतारों में सारे बंधन टूट गए …पढ़िए विस्तार से…


किशनगढ़ में बुधवार वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ के मंगल प्रवेश के समय जो धर्ममय माहौल बना वो अद्भुत था । बस स्टैंड से मुख्य मार्ग पर बड़ी संख्या में उनकी अगवानी के लिए नए बस स्टैंड के मुख्य मार्ग पर बाकायदा कतारबद्ध जमे लोगों का तांता देखते ही बन रहा था । आचार्य श्री की अगुवानी में हर राजनीतिक दल, हर जाति और धर्म का व्यक्ति उतना ही आतुर था, जितने जैन श्रावक ।

आचार्य जी के स्वागत में खुशी से फूटी अश्रुओं की धार

एक और आचार्य श्री ससंघ मंगल प्रवेश कर रहे थे और दुसरी और भक्ति भाव से आल्हालित श्रावकों की आंखों में आचार्य जी के आगमन के पलों में अश्रु छलकाते दिखे । आचार्य श्री दोपहर में नए बस स्टैंड से शहर में मंगल प्रवेश किया । इस दौरान कई संगठनों ने आचार्यश्री का स्वागत किया और आचार्यश्री के दर्शन किए ।

मार्बल नगरी में आए परम संत

श्रीमद् जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सान्निध्य देने के लिए वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर महाराज ससंघ मार्बल नगरी आए है । यहां 22 से 27 जनवरी तक प्रस्तावित पंचकल्याणक महोत्सव के लिए आचार्यश्री की अगवानी में प्रदेशभर से जैन समाज के लोग किशनगढ़ पहुंचे है । शांतिसागर स्मारक से आचार्यश्री के नए बस स्टैंड पहुंचने पर सकल जैन समाज ने अगवानी की। गुरुदेव की अगवानी के लिए जैन समाज के साथ- साथ राजनीतिक सामाजिक व धार्मिक क्षेत्र के अलावा पूरा शहर स्वागत को उमड़ा।

गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ मंगल प्रवेश

आचार्य श्री के साथ ही गणिनी आर्यिका सरस्वती माताजी ससंघ का भी मंगल प्रवेश हुआ । शहरी सीमा में प्रवेश के दौरान शहर के अलावा विभिन्न क्षेत्रों से जैन समाज के लोग आचार्यश्री की अगवानी करने के लिए उमड़े । जैन समाज द्वारा आचार्यश्री ससंघ की अगवानी के बाद उन्हें जुलूस के रूप में इंद्रानगर, जयपुर रोड, पुरानी मील चौराहा, जैन भवन, आदिनाथ मंदिर, सिटी रोड मुनि सुव्रतनाथ मंदिर, मुख्य चौराहा, पुरानी मील होते हुए आरके कम्यूनिटी सेंटर ले जाया गया । यहां आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने उपस्थित समाजबंधुओं को आशीर्वाद प्रदान किया ।

इस तरह होंगे विविध धार्मिक कार्यक्रम

सकल दिगंबर जैन समाज की ओर से आयोजित प्रतिष्ठा महोत्सव 22 जनवरी से शुरू होगा । वात्सल्य वारिधि आचार्य वर्धमान सागर ससंघ के सान्निध्य में 22 व 23 जनवरी को गर्भ, 24 को जन्म, 25 को तप, 26 को ज्ञान तथा 27 जनवरी को मोक्ष कल्याणक संहिता सूरी पंडित हंसमुख शास्त्री प्रतिष्ठाचार्य के निर्देशन में संपन्न होंगे ।

महिलाओं ने भी दिखाया अभूतपूर्व उत्साह

केसरिया रंग के वस्त्रों में आई महिलाओं ने आचार्यश्री व संघ में आए मुनियों का भावभीना स्वागत किया । बैंड बाजों की धुन पर आचार्य श्री के लिए स्वागत गान करते लोगों के बीच नए बस स्टैंड से लेकर शहर के प्रमुख रास्तों पर जगह-जगह स्वागत,सत्कार हुआ । गुलाबों की बारिश के बीच स्वागत में आचार्य श्री ने सभी को अपना आशीर्वाद प्रदान किया । नए बस स्टैंड से मुख्य चैराहा तक जगह-जगह आचार्य वर्धमान सागर महाराज का पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया गया। ऐतिहासिक 2 किलोमीटर लंबे जुलूस में जैन समाज के लोगों का सैलाब उमड़ा जो बाद में, धर्मसभा में परिवर्तित हो गया ।

जन सैलाब की गूंज, धर्मसभा में शांत माहौल में ढ़ली

धर्म सभा में सर्वप्रथम कार्यक्रम की शुरुआत आर के मार्बल परिवार के अशोक पाटनी, सुरेश पाटनी, सांसद भागीरथ चौधरी, सभापति दिनेश सिंह राठौड़, मुनिसुव्रतनाथ पंचायत अध्यक्ष विनोद पाटनी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम में आचार्यश्री के पाद प्रक्षालन करने का सौभाग्य आर के मार्बल परिवार के अशोक कुमार, सुरेश कुमार पाटनी, संजय कुमार, पुनीत कुमार पापड़ीवाल, विमल कुमार प्रेमचंद बड़जात्या, विमल कुमार महेंद्र कुमार समर्थ कुमार पाटनी एवं रविंद्र कुमार चंद्रप्रकाश बेद को प्राप्त हुआ। कार्यक्रम के दौरान महावीर जी से किशनगढ़ विहार कराने में व्यवस्था में विशेष सहयोगी परमीत जैन भद्रावती कर्नाटका का स्वागत अभिनंदन सकल दिगंबर जैन समाज द्वारा किया गया । इसके पश्चात अशोक जी पाटनी आर के मार्बल किशनगढ़ ने आचार्य श्री के प्रति विनय प्रगट कर स्वागत उद्बोधन दिया । अंत में आचार्य श्री की मंगल आरती की गई।

प्रतिमाओं को भगवान बनाने का महोत्सव है पंचकल्याण – आचार्य वर्धमान सागर जी

किशनगढ़ समाज गुरु भक्त समाज है ,इन्होंने हमेशा गुरु भक्ति एकजुट होकर की है ।संस्कार के वशीभूत श्रद्धा भक्ति विनय प्रकट की है ।श्रद्धा भक्ति विनय देव शास्त्र गुरु के प्रति की जाती है जो सम्यक दर्शन का कारण है दर्शन से ज्ञान सम्यक होता है और जब दर्शन और ज्ञान सम्यक हो जाता है तो चरित्र की प्राप्ति हो जाती है तथा चरित्र को धारण कर रत्न त्रय को प्राप्त करते हैं, जो मोक्ष प्राप्ति का कारण बनता है किशनगढ़ समाज ने दो पंचकल्याणक कार्यक्रम को एक कर समाज ही नहीं देश के समक्ष एक अनुकरणीय उदाहरण प्रस्तुत किया है पंचकल्याणक प्रतिष्ठा प्रतिमाओं को भगवान बनाने का महोत्सव है ।

शोभायात्रा में यह थे मौजूद
शोभायात्रा में श्री चंद्रप्रभु महिला मंडल, श्री पारसनाथ महिला मंडल, णमोकार महिला मंडल, श्री अग्रसेन महिला मंडल, चेतना जागृति महिला मंडल, श्री मुनिसुव्रतनाथ महिला मंडल, सुज्ञान महिला मंडल, महिला महासमिति, धर्म सागर स्कूल के बच्चे, श्री पारसनाथ महिला मंडल तेली मोहल्ला, पुलक मंच, श्री दिगंबर जैन महासमिति, श्री दिगंबर जैन महासभा, इंदिरा नगर जैन समाज, महावीर महिला मंडल के अलावा आरके मार्बल परिवार के अशोक पाटनी, सुशीला पाटनी, सुरेश पाटनी, शांता पाटनी, मुनिसुव्रतनाथ दिगंबर पंचायत के अध्यक्ष विनोद पाटनी, मंत्री सुभाष बड़जात्या, आदिनाथ पंचायत अध्यक्ष प्रकाश चंद गंगवाल मंत्री विनोद चौधरी सहित धार्मिक सामाजिक व राजनीतिक क्षेत्र के अनेक गणमान्यजनो के साथ जैन समाज के अनेक लोग मौजूद थे।

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