आचार्य श्री ने कहा कि तिजारा में पहली बार आना हुआ और यहां समाज का समर्पण व भक्ति देखकर मन प्रफुल्लित हो गया। एक माह के प्रवास में तिजारा जैन समाज ने गुरुभक्ति का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। देहरे वाले बाबा श्री चन्द्रप्रभ भगवान की प्रतिमा में अनंत शक्तियां विद्यमान हैं।
अटूट श्रद्धा व विश्वास से सभी मनोकामनाएं यहां पूर्ण होती हैं।
आचार्य श्री का बैंड बाजे के साथ देहरा मन्दिर से मंगल विहार प्रारम्भ हुआ तथा मेन बाजार से होते हुए श्री पार्श्वनाथ जिनालय के दर्शन किए। तत्पश्चात सैकड़ों भक्तों के साथ राजधानी दिल्ली की ओर प्रस्थान किया। मार्ग में पद्मावती धाम में आगमन हुआ। जहां भट्टारक सौरभसेन स्वामी ने भावभीना स्वागत किया।
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