मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र में सत्ता पक्ष ने सम्मेद शिखर को लेकर जैन समाज की भावनाओं के अनुरूप विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की तैयारी कर ली थी । भाजपा विधायक पारस जैन को सदन में प्रस्ताव प्रस्तुत करने की जिम्मेदारी सौंपी गई । पारस जैन ने प्रस्ताव टाइप भी करा लिया ।
सदन में जैन समाज के सभी नौ विधायक उत्साहित थे । इस प्रस्ताव को पारित कराने स्पीकर को भी तैयार कर लिया गया । विपक्ष भी इसे सर्व सम्मति से पारित करने तैयार हो गया । लेकिन जैसे ही सत्ता पक्ष को अहसास हुआ कि यह प्रस्ताव केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार के नोटीफिकेशन के खिलाफ होगा तो पारस जैन को सदन में प्रस्ताव लाने से रोक दिया गया।
यह बात दूसरी है कि राज्य सरकार ने मौखिक रूप से जैन समाज की भावनायें प्रधानमंत्री तक पहुंचाने की बात कही, लेकिन विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने का कदम पीछे खींच लिया ।
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