मनीष गोधा- गुलाबी नगरी जयपुर में एक जनवरी को प्रसिद्ध मंदिर चैबीस महाराज मंदिर प्रबंध समिति का प्रयास सुर्खियों में हैं । एक जनवरी को अंग्रेजी नववर्ष के अवसर पर मंदिर में सुबह विशेष अभिषेक और शांतिधारा का आयोजन किया जाएगा ।
यह अभिषेक और शांतिधारा स्वर्ण, रजत और ताम्र कलशों से होगी । जो जैन धर्मावलम्बी ये अभिषेक करने का सौभाग्य प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें कोई राशि नहीं देनी है, बस कुछ नियम लेने हैं ।
मंदिर प्रबंध समिति से जुडी संतोष ठोलिया ने बताया कि जो लोग स्वर्ण कलश से अभिषेक करना चाहते हैं, उन्हें एक नियम लेना होगा ।
जयपुर परकोटे के जैन मंदिर में एक महीने में पूजन का संकल्प
प्रबंध समिति ने बिना किसी राशि के स्वर्ण कलश से अभिषेक की व्यवस्था में ये अनिवार्यता रखी है कि अभिषेक करने वाले श्रावक को जयपुर परकोटे के किसी भी जैन मंदिर में एक साल तक, महीने में एक बार पूजन करना होगा ।
संकल्प लेने वालों ने इसी मंदिर में आने की बाध्यता नहीं
श्रीमती संतोष ठोलिया का कहना है कि नियम लेने वालों के लिए यह बाध्यता नहीं है कि उन्हें सिर्फ चैबीस महाराज के मंदिर ही आना है, बल्कि वे परकोटे में स्थित किसी भी जैन मंदिर में जा सकते हैं ।
हमारा प्रयास सिर्फ इतना है कि परकोटे में स्थित जो लोग बाहर की काॅलोनियों में रह रहे हैं, वे यहां के मंदिरो से जुडें रहें और लोग यहां आते रहें।
उल्लखेनीय है कि चैबीस महाराज जैन मंदिर जयपुर का प्रसिद्ध जैन मंदिर है जो जौहरी बाजार स्थित मोती सिंह भौंमियों के रास्तें के दूसरे चैराहे पर बना हुआ है।
यहां चैबीस तीर्थकंरों की प्रतिमाएं हैं और पूरी चैबीसी कुछ इस तरह बनी हुई है कि रास्ते में से भी एक साथ इसके दर्शन हो जाते हैं।
जैन समुदाय नई कॉलोनियों में जा बसा, पुराने स्थान के मंदिर हुए वीरान
जयपुर के परकोटे में हर चौराहे पर जैन मंदिर हैं, लेकिन जैन समुदाय के लोग यहां से लगातार पलायन कर बाहर की कॉलोनियों में शिफ्ट हो रहे हैं ।
इसके चलते यहां के मंदिर सूने होते जा रहे हैं । यही कारण है कि अब इस तरह के प्रयासों की जरूरत महसूस होने लगी है ताकि लोगों का अपने पुराने मंदिरों से जुडाव बना रहे ।
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