झारखंड में पारसनाथ क्षेत्र में स्थित जैन समाज का पवित्रतम तीर्थस्थल सम्मेद शिखर जी को लेकर आज निर्णायक बैठक है ।
झारखंड के गिरिडीह जिले में पारसनाथ की पहाड़ियों पर स्थित सम्मेद शिखरजी जैन समुदाय का बेहद पवित्र स्थान है. यहां बीस तीर्थंकरों की निर्वाण स्थली है । इस पावन तीर्थ को कथित रूप से पर्यटक स्थल बनाने के नोटिफिकेशन के सामने आने के बाद पूरे देश का जैन समाज उद्वेलित है ।
2019 में सरकार ने घोषित किया था पर्यटन क्षेत्र, वन एवं पर्यावरण विभाग ने घोषित कर रखा है । अब इसे जैन समाज की भावनाओं का सम्मान करते हुए पर्यटन क्षेत्र की बजाए पारिस्थितिकी संवेदनशील क्षेत्र (ईको सेंसेटिव क्षेत्र ) बनाया जा सकता है ।
बैठक में सम्मेद शिखर के लिए बनाए गए प्राधिकरण में जैन प्रतिनिधियों को महत्वता देते हुए इस प्राधिकरण को और मजबूत बनाया जा सकता है ताकि इस क्षेत्र में अवांछनीय गतिविधियों को रोका जा सके । झारखंड सरकार इसे जैन धार्मिक स्थल के रूप में अधिकारिक घोषणा कर सकती है ।
हालांकि इससे पहले भी इस क्षेत्र में जैन समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए मांस-मदिरा सेवन पर प्रतिबंध लगाया हुआ है । इस प्रतिबंध को लेकर और प्रशासनिक सख्ती सामने आ सकती है ।
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