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रेवाड़ी से हुआ आचार्य अतिवीर जी का मंगल विहार

प्रथम बार राजस्थान में प्रवेश

दिल्ली. समीर जैन ।  प्रशममूर्ति आचार्य श्री 108 शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परंपरा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री 108 अतिवीर जी मुनिराज का हरियाणा की पुण्यधरा पर प्रथम बार धर्मनगरी रेवाड़ी में ऐतिहासिक मंगल चातुर्मास व्यापक धर्मप्रभावना के साथ सानंद संपन्न हुआ| दिनांक 4 दिसम्बर 2022 को अतिशय क्षेत्र नसिया जी में आयोजित विशाल धर्मसभा के मध्य भारी संख्या में उपस्थित गुरुभक्तों ने अश्रुधारा के साथ पूज्य गुरुदेव को भावभीनी विदाई दी| इस अवसर पर समस्त समाज ने श्रीफल अर्पित कर आचार्य श्री का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।

धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए पूज्य आचार्य श्री ने कहा कि चातुर्मास के 4 माह कब बीत गए पता ही नहीं लगा। रेवाड़ी जैन समाज पिछले 14 वर्षों से चातुर्मास हेतु प्रयासरत है, और अब वनवास काल पूर्ण हुआ तो रेवाड़ी में ऐसा अभूतपूर्व चातुर्मास हुआ जो कल्पनातीत है| अभी तक हुए 17 चातुर्मासों में यह पहला चातुर्मास रहा जब प्रत्येक कार्यक्रम पूरे उत्साह व एकजुटता के साथ संपन्न हुए। सन्मतिवीर वर्षायोग समिति के अध्यक्ष श्री अजय जैन ने संपूर्ण चातुर्मास में अनेकों मांगलिक कार्यक्रमों के माध्यम से रेवाड़ी में संपन्न अभूतपूर्व प्रभावना को ऐतिहासिक बताया।

धर्मसभा के अंत में समस्त समाज ने अपनी ओर से हुए किसी प्रकार की त्रुटि के लिए आचार्य श्री से क्षमायाचना की तथा पुनः रेवाड़ी आगमन के लिए निवेदन किया। आचार्य श्री ने उपस्थित भक्तों को आकर्षक चित्र देकर मंगल आशीर्वाद प्रदान किया| तत्पश्चात आचार्य श्री का सैकड़ों गुरुभक्तों व बैंड-बाजों सहित अतिशय क्षेत्र नसियां जी से अतिशय क्षेत्र देहरा तिजारा की ओर मंगल विहार हुआ। उल्लेखनीय है कि पूज्य आचार्य श्री के पावन सान्निध्य में यहाँ श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन प्राचीन मन्दिर में नव-प्रतिष्ठित जिनबिम्ब विराजमान समारोह व भव्य रथयात्रा का आयोजन दिनांक 9 से 11 दिसम्बर 2022 तक होगा|

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