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पंचकल्याणक में पिच्छिका परिवर्तन, नेमिकुमार की निकली बारात

इंदौर (राजेश जैन दद्दू)। \ महावीर नगर में चल रहे पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत शनिवार को तप कल्याणक मनाया गया एवं श्रुत संवेगी मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज, मुनि श्री अप्रमितसागरजी एवं सहज सागर जी महाराज ने नियम, संयम के साथ जीवन जीने और विशुद्धि बढ़ाने का संकल्प लेने वाले तीन श्रावकों को अपनी पुरानी पिच्छिका प्रदान की। वहीं कई श्रावकों ने सामूहिक रूप से एक साथ मिलकर त्रय मुनिराजों को नई पिच्छिका भेंट की। पिच्छिका भेंट करने का सौभाग्य पंडित रतन लाल शास्त्री, आजाद जैन, हंसमुख गांधी, डॉक्टर जैनेंद्र जैन, अरुण सेठी, राजेश दद्दू, अशोक खासगीवाला, सुरेश चंद जैन, कीर्ति पांड्या, प्रभादेवी व मंजू अजमेरा आदि ने प्राप्त किया।

मुनि श्री आदित्य सागर जी की पिच्छिका विकास पायल जैन को, अप्रमित सागर जी की हितेश सारिका जैन को मिली। मुनि सहज सागर जी की पिच्छिका प्राप्त करने का सौभाग्य विकास-प्रीति बड़जात्या ने प्राप्त किया। इस अवसर पर मुनि श्री आदित्य सागर जी महाराज ने कहा कि जीवन के वे क्षण बहुत पावन होते हैं, जब जीव को संयम धारण करने के भाव आते हैं। नियम संयम का संकल्प लेकर पिच्छिका प्राप्त करने वालों को आशीर्वाद देते हुए मुनिश्री ने कहा कि अपनी विशुद्धि और संयम को बढ़ाएं। मुनि श्री ने कहा कि शांतिनाथ भगवान की स्फटिक मणि की प्रतिमा को जो लोग कांच की प्रतिमा बताकर प्रचारित कर रहे हैं, उनकी आंख कांच की है, श्रद्धा की नहीं।

स्फटिक मणि की प्रतिमा शुद्ध स्फटिक मणि की, अतिशयकारी एवं ऊर्जावान है। प्राण प्रतिष्ठा होने के बाद प्रतिमा जब समवशरण मंदिर में विराजमान होगी, तब श्रद्धा एवं भाव भक्ति से दर्शन पूजन करने वालों के हृदय में सुख शांति की धारा बहा अपनी करुणा बिखेरेगी।नेमिनाथ जिन बिंब पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के अंतर्गत पुलक चेतना मंच के नेतृत्व में महोत्सव स्थल महावीर नगर से नेमिकुमार की वैराग्य बारात निकली, जिसमें हजारों की संख्या में महिला-पुरुष बाराती के रूप में सम्मिलित हुए। बारात में 20 बग्घियां, ई रिक्शा, तीन बैंड, दो विंटेज कार चल रही थीं, इनमें महोत्सव के पात्र विराजमान थे। संजय गंगवाल नेमिकुमार, सुयश जैन बलभद्र एवं अतिशय जैन कृष्ण के रूप में बग्घियों में परिवार सहित विराजमान थे। मार्ग में जगह-जगह बारात का ड्राई फ्रूट्स, कोल्ड ड्रिंक्स एवं श्रीफल भेंट कर और चंदन का टीका लगा माला पहनाकर स्वागत किया गया।

एक किलो मीटर लंबी बारात ढाई किलोमीटर का भ्रमण कर तिलक नगर, साईं नाथ कॉलोनी एवं कनाडिया रोड होते हुए महावीर नगर महोत्सव स्थल पहुंची। इसके पश्चात मुनि श्री के प्रवचन एवं राज दरबार में नेमिकुमार के वैराग्य प्रसंग की प्रस्तुति हुई। इस अवसर पर मुनि श्री ने कहा कि नेमिकुमार की बारात संसार की बारातों से बिल्कुल अलग थी। यह एक ऐसी बारात थी, जिसने नेमिकुमार के मन में वैराग्य का बीजारोपण कर दिया और नेमिकुमार के कदमों को ससुराल के बजाय सिद्धालय जाने को प्रेरित कर दिया।

 

रविवार को ज्ञान कल्याणक
पंचकल्याणक महोत्सव में रविवार को महा मुनिराज की आहार चर्या, मुनिश्री के प्रवचन, 48 संस्कार विधि, अंक न्यास विधि, मंत्र, केवल ज्ञानोत्पत्ति, दिव्य ध्वनि एवं शंका समाधान के कार्यक्रम होंगे।

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