श्रीमहावीरजी महामस्तकाभिषेक समाचार

महामस्तकाभिषेक महोत्सव में देर रात तक चला राष्ट्रीय कवि सम्मेलन –

कवियों ने किये में महावीर के गुणगान —-

श्री महावीरजी – -दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी में 1000 हजार साल प्राचीन अतिशयकारी भगवान महावीर की टीले से निकली प्रतिमा के चल रहे महामस्तकाभिषेक महोत्सव में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की श्रृंखला में गुरुवार,1 दिसम्बर को रात्रि 8.00 बजे से राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया।

देर रात तक चले कवि सम्मेलन में कवि अनामिका अम्बर,सौरभ सुमन, पंकज फनकार,अजय अहिंसा सहित बाल कवि आदित्य जैन कोटा ने अपनी कविताओं के माध्यम से भगवान महावीर के जीवन चरित्र एवं सिद्धांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आध्यात्मिक,वीर रस,देश भक्ति, आज के राजनीतिक माहौल पर व्यंग्य करते हुए कविताएं सुनाकर देश के नामी कवियों ने श्रोताओं को देर रात तक बांधे रखा।

प्रचार संयोजक विनोद जैन ‘कोटखावदा’ ने बताया कि कवि सम्मेलन का शुभारंभ भगवान महावीर की प्रतिमा के समक्ष महोत्सव समिति के पदाधिकारियों द्वारा दीप प्रज्वलन से हुआ। तत्पश्चात् आगरा की गीतकार अनामिका जैन अम्बर ने महावीर वन्दना प्रस्तुत कर कवि सम्मेलन का आगाज किया।

कवि सम्मेलन का मंच संचालन कर रहे सौरभ सुमन ने भक्ति पाठ के अन्दाज में काव्य पाठ करते हुए ”ले लो वीर जी हमको अपनी शरण,आए है द्वार पे छूने तेरे चरण। कट गये कर्म जिनके सुमन का नमन है, समर्पित तुम्हें मेरा मंगलाचरण।। बोलते हुए भगवान महावीर की महिमा पर काव्य पाठ किया।सौरभ सुमन ने वीर रस पर कविता पाठ करते हुए अकबर,महाराणा प्रताप एवं रानी लक्ष्मीबाई की तुलना बताते हुए देश भक्तों की वीरता बताई।

अनामिका अम्बर ने वीर सैनिकों का देश के प्रति समर्पण भाव एवं कर्तव्य बोध बताते हुए सैनिकों के शहीद होने के उपरांत के घटनाक्रम को कविता के माध्यम से समझाया कि किस तरह से सैनिक का बेटा भी देश पर न्यौछावर होने की भावना व्यक्त करता है।
अजय अहिंसा ने प्रसिद्ध दिगम्बर जैन संत आचार्य श्री विद्यासागर महाराज, प्रसिद्ध उदघोषक अमीन साहनी सहित कई फेमस हस्तियों के प्रस्तुतिकरण को समझाया कोटा के बाल कवि आदित्य जैन ने कविता सुनाई कि ‘जो अहिंसा धार लेता है, वहीं वीर होता है,जो मन को मार लेता है वहीं महावीर होता है ‘।

कवि अजय अहिंसा ने जय जय जय महावीर जी,दीन दुखियों की हरले सदा पीर जी, वन्दना प्रस्तुत कर श्रोताओं को भक्ति रस में डूबो दिया। कवियों ने देर रात तक जैन धर्म और चौबीस तीर्थंकरों सहित वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य एवं देश के ज्वलंत मुद्दों पर कविता पाठ सुनाकर श्रोताओं को उद्दैलित कर दिया। कवि सम्मेलन देर रात तक जारी रहा।इस दौरान सभी कवियों ने अपनी कविताओं के माध्यम से हास्य व्यंग की तर्ज पर देश के वर्तमान हालातों सहित राजनीति एवं आज के समय की समस्याओं पर व्यंग्य कर श्रोताओं को सोचने को मजबूर कर दिया। श्रोताओं ने कविता पाठ पर तालियां बजाकर कवियों का जोश बढ़ाया।

इससे पूर्व कमेटी की ओर से अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी, कार्याध्यक्ष विवेक काला, पूर्व अध्यक्ष जस्टिस नगेन्द्र कुमार जैन आदि ने कवियों का सम्मान किया ।कवि सम्मेलन में महोत्सव समिति के पदाधिकारियों,श्री वीर सेवक मण्डल जयपुर के कार्यकर्ताओ एवं गणमान्य श्रेष्ठीजनों सहित पंडित मुकेश जैन, चन्द्रेश जैन,संजय छाबड़ा एवं बड़ी संख्या में श्रोतागण मौजूद थे।

इससे पूर्व भगवान महावीर की महाआरती की गई।

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