श्रीमहावीरजी महामस्तकाभिषेक समाचार

नवीन वेदियों में श्री जी विराजमान के बाद पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का हुआ समापन

जयपुर/श्री महावीरजी | 21 वीं सदी के भगवान महावीर के प्रथम महामस्तकाभिषेक महोत्सव के अन्तर्गत गुरुवार से शुरु हुए पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में सोमवार को मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया गया।इस मौके पर मोक्ष कल्याणक महोत्सव की क्रियाओं एवं विश्व शांति महायज्ञ हवन के बाद 24फीट उतंग भगवान महावीर की खड्गासन प्रतिमा एवं नवनिर्मित चौबीसी प्रतिमाओं का मस्तकाभिषेक के साथ पांच दिवसीय पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव का समापन हो गया।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि मोक्ष कल्याणक महोत्सव के अन्तर्गत सोमवार को प्रातः 6.30 बजे से ध्यान एवं आशीर्वाद सभा के बाद श्री जिनाभिषेक एवं नित्यार्चना की गई।

तत्पश्चात भगवान के मोक्ष कल्याणक के दृश्य दिखाए गए। अग्नि देवों द्वारा भगवान के मोक्ष की संस्कार विधि की गई। उपस्थित श्रद्धालु मोक्ष कल्याणक के दृश्यों को देखकर भाव विभोर हो उठे और भगवान के मोक्ष प्राप्ति पर जय जय कार करने लगे। पूरा पाण्डाल भगवान महावीर के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। मोक्ष कल्याणक पूजा के बाद विश्व शांति महायज्ञ हवन में मंत्रोच्चार के साथ हवन सामग्री द्वारा पूर्णाहुति दी गई। सारा वातावरण हवन सामग्री की सुगंध से सरोबार हो गया।

इस मौके पर आशीर्वाद सभा में आचार्य श्री वर्धमान सागर महाराज के मंगल प्रवचन हुए। आचार्य श्री ने पाषाण से भगवान बनने की पांच दिनों की क्रियाओं को मंगलकारी बताते हुए कहा कि तीर्थंकर प्रभू की आराधना भक्ति का उत्सव है पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव।इसे श्रद्धालुओं को बड़े भक्ति भाव से मनाना चाहिए।

आचार्य श्री ने अपने प्रवचन में कहा कि वर्तमान के 24 तीर्थंकरों में से 23 तीर्थंकरों ने पहाड़ पर से निर्माण प्राप्त किया ,केवल एक महावीर स्वामी ऐसे हैं जिन्होंने जमीन से सरोवर से निर्वाण प्राप्त किया l पहाड़ से निर्वाण हो ऐसा कोई जरूरी नहीं है पर निर्वाण प्राप्त करने के लिए कर्मों के पहाड़ पर चढ़ना जरूरी है और उस पर्वत को चकनाचूर करना जरूरी है जिस प्रकार प्रबंध समिति ने, महोत्सव समिति ने कार्य किया है , उसके लिए मंगल आशीर्वाद ।साथ में सभी पात्रों को ,कार्यकर्ताओं को बहुत-बहुत मंगल आशीर्वाद।

सभा में अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, उपाध्यक्ष शांति कुमार जैन,सी पी जैन, महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी, कार्याध्यक्ष विवेक काला, कोषाध्यक्ष उमरावमल संघी, मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन जौहरी, संयोजक सुरेश सबलावत, राकेश सेठी, देवेन्द्र अजमेरा, भारत भूषण जैन, मनीष बैद, राकेश सेठी, अजित पाटनी सहित सभी इन्द्र-इन्द्राणी , उनके परिवार जन सहित बड़ी संख्या में कमेटी सदस्य एवं गणमान्य श्रेष्ठीजन शामिल हुए।

प्रबंधकारिणी कमेटी दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी के अन्तर्गत गठित भगवान महावीर महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि 24 से 28 नवम्बर तक आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान महावीर की 24 फीट ऊंची खडगासन प्रतिमा सहित परिकरयुक्त चौबीसी एवं कमल मंदिर की नवग्रह अरिष्ट निवारक जिनालय प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा की गई।

आशीर्वाद सभा के बाद चरण छतरी के पास बनाई गई नवीन वेदियों तथा कमल मंदिर में भगवान को विराजमान किया गया। वेदियों पर कलशारोहण एवं शिखर पर ध्वजारोहण के साथ विसर्जन किया गया। प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक मोक्ष कल्याणक विसर्जन के बाद दोपहर में भगवान महावीर की 24फीट उतंग खड्गासन प्रतिमा एवं चौबीसी प्रतिमाओं का जल, दूध, दही, घृत, केसर, चंदन, हल्दी, सर्वोषधि,बूरा आदि से जयकारों के बीच पंचामृत मस्तकाभिषेक किया गया। प्रथम मस्तकाभिषेक का पुण्यार्जन सुभाष चन्द जैन जयपुर परिवार को प्राप्त हुआ। प्रतिमा निर्माण एवं विराजमान का पुण्यार्जन विद्या विनोद -पुष्पलता काला परिवार के विवेक काला, आलोक काला,संजय काला एवं परिवारजनों को प्राप्त हुआ।

प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा ने बताया कि सायंकाल महाआरती के बाद शास्त्र सभा का आयोजन किया गया। रात्रि में 8.30 बजे से प्रसिद्ध गायक डॉ गौरव सौगानी एण्ड पार्टी, जयपुर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। जिसमें भक्ति रस बरसाते हुए मन को भाने वाले एवं आध्यात्मिक भजनों की प्रस्तुति दी गई।

महोत्सव समिति के प्रचार संयोजक विनोद जैन ‘कोटखावदा ‘के अनुसार पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के गौरवशाली पात्रों में भगवान के माता पिता का पुण्यार्जन किरण देवी -राजकुमार सेठी,सौधर्म इन्द्र रोहन-अमिता कटारिया, चक्रवर्ती राजा सुरेश -शान्ता पाटनी,धनपति कुबेर दीपक-विनिता सेठी,यज्ञनायक श्रीपाल -कुसुम चूड़ीवाल,ईशान इन्द्र राजेश -विमला शाह,सनत कुमार इन्द्र पवन -प्रीति गोधा, माहेन्द्र इन्द्र तीर्थेश -प्रियंका छाबड़ा,राजा श्रेणिक अंकित -नैना पाटनी, ब्रह्म इन्द्र महेन्द्र कुमार -अंजना धाकडा, ब्रह्मेत्तर इन्द्र अनिल -अंजना जैन ने किया है।

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