नई दिल्ली (समीर जैन) श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रानी बाग में परम पूज्य गणाचार्य श्री 108 विराग सागर जी महाराज के शिष्य परम श्रद्धेय क्षुल्लक श्री 105 विदेह सागर जी महाराज का पिच्छिका परिवर्तन समारोह रविवार, 27 नवम्बर को अत्यंत भक्ति भाव सहित धर्मप्रभावना पूर्वक संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का संचालन पं. विवेक जैन शास्त्री (टीकमगढ़) के कुशल निर्देशन में किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ महिला मण्डल द्वारा मंगलाचरण से हुआ। इसके बाद सौभाग्यशाली परिवारों द्वारा चित्र अनावरण, जिनवाणी विराजमान व दीप प्रज्जवलन किया गया।
श्री दिगम्बर जैन महासभा (रोहिणी-पीतमपुरा) के महामंत्री राकेश जैन ‘कलकत्ता वाले’ के साथ रोहिणी सेक्टर-20 जैन समाज ने क्षुल्लक श्री का पाद प्रक्षालन कर नवीन कमण्डलु भेंट कर मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया। सौभाग्यशाली लोगों ने क्षुल्लक श्री के कर-कमलों में शास्त्र भेंट कर पुण्यार्जन किया तथा कार्यकारिणी समिति ने वस्त्र भेंट किए। समाज की महिलाओं व बच्चों ने मनमोहक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यकारिणी समिति द्वारा बाहर से पधारे हुए अतिथियों का सम्मान किया गया।
इस अवसर पर धर्मसभा को संबोधित करते हुए क्षुल्लक श्री ने कहा कि जैन संतों की पहचान होती है मयूर पिच्छी, जिसके माध्यम से साधु अहिंसा महाव्रत का पालन करते हैं तथा संयम की वृद्धि करते हैं। राजेश जैन ‘वर्धमान ज्वैलर्स’ सपरिवार (पश्चिम विहार) ने क्षुल्लक श्री को नवीन मयूर पिच्छी प्रदान की तथा क्षुल्लक श्री की पुरानी पिच्छी प्राप्त करने का सौभाग्य राजेश जैन सपरिवार (श्रीनगर) ने प्राप्त किया।
क्षुल्लक श्री की भावनानुसार चातुर्मास कलश गोपाल जैन सपरिवार (रोहिणी सेक्टर-20) को प्रदान किया गया। कार्यक्रम में रोहिणी, पीतमपुरा, रामा विहार, बुध विहार, पश्चिम विहार, त्रिनगर, मयूर विहार, पहाड़ी धीरज, गुलाब वाटिका, गाजियाबाद, मेरठ आदि विभिन्न स्थानों से पधारे गुरुभक्तों ने क्षुल्लक श्री का मंगल आशीर्वाद प्राप्त किया।