संयम जीवन का आधार
हुई तप कल्याणक क्रियाएं
-रविवार,27 नवम्बर को मनाएंगे केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव -भगवान की खिरेगी दिव्य ध्वनि
जयपुर @ मनीष गोधा | 21 वीं सदी के भगवान महावीर के प्रथम महामस्तकाभिषेक महोत्सव के अन्तर्गत गुरुवार से शुरु हुए पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शनिवार को तप कल्याणक महोत्सव मनाया गया।इस मौके पर जहां राजकुमार वर्धमान के राज्याभिषेक के दृश्यों पर श्रद्धालु खुशियों से झूम उठे वहीं दूसरी ओर तीर्थंकर महाराज को वैराग्य दर्शन होने,गृह त्याग एवं दीक्षा विधि तथा तप कल्याणक के दृश्यों को देखकर भाव विभोर हो उठे तथा सजल नैत्रो से अश्रु बह उठें। रविवार,27 नवम्बर को केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा।
महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि तप कल्याणक महोत्सव के अन्तर्गत शनिवार को प्रातः 6.30 बजे से ध्यान एवं आशीर्वाद सभा के बाद श्री जिनाभिषेक एवं नित्यार्चना हुई। तीर्थंकर बालक की बाल क्रीड़ा के दृश्यों ने सभी का मन मोह लिया। प्रातः 9.00 बजे धर्म सभा में आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने मंगल आशीर्वचन में तप की महिमा बताते हुए संयम का महत्व बताया।
। प्रातः 10.00 बजे चक्रवर्ती की षटखण्ड दिग्विजय यात्रा निकाली गई जिसमें जैन धर्म के वैभव को उजागर किया गया। दोपहर 1.00 बजे तीर्थंकर राजकुमार का राज्याभिषेक हुआ। इस मौके पर बड़े बड़े देशों के राजा,महामण्डलेश्वर, गणमान्य श्रेष्ठी भेट लेकर शामिल हुए। चारों तरफ खुशियों का माहौल था।
तीर्थंकर महाराज को जाति स्मरण एवं पूर्व भवों का स्मरण जिसमें सिंह द्वारा हिरण का शिकार सहित कई स्मरण हुए , संसार शरीर भोगों से विरक्त होकर निज आत्म कल्याण एवं पर उपकार की भावना से वैराग्य दर्शन के बाद तीर्थंकर राजकुमार ने गृह त्याग दिया।इन दृश्यों पर उपस्थित जन समुदाय की आंखें नम हो गई। स्वयं के पंचमुष्ठी केशलोच कर दीक्षा धारण कर दीक्षा विधि के साथ संयम पथ पर बढ चले। संस्कार तप कल्याणक के बाद पूजा एवं हवन हुआ। सायंकाल आरती महोत्सव के बाद शास्त्र सभा हुई। रात्रि 8.00 बजे से रुपेश जैन एण्ड पार्टी इन्दौर द्वारा भक्ति संध्या में भजनों की गंगा बहाई गई।
तप कल्याणक के मौके पर दोपहर में आयोजित धर्म सभा में आचार्य वर्धमान सागर महाराज ने प्रवचन देते हुए शास्त्रों में उल्लेखित तीर्थकर महाराज के वैराग्य दर्शन,तप कल्याणक क्रियाओं को विस्तार से बताया। धर्म सभा में अध्यक्ष सुधांशु कासलीवाल, उपाध्यक्ष शांति कुमार जैन,सी पी जैन, महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी, कार्याध्यक्ष विवेक काला, कोषाध्यक्ष उमरावमल संघी, मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन जौहरी, संयोजक सुरेश सबलावत, राकेश सेठी, देवेन्द्र अजमेरा, भारत भूषण जैन सहित बड़ी संख्या में कमेटी सदस्य एवं गणमान्य श्रेष्ठीजन शामिल हुए।
भगवान महावीर महामस्तकाभिषेक महोत्सव समिति के अध्यक्ष सुधान्शु कासलीवाल एवं महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी ने बताया कि 24 से 28 नवम्बर तक आयोजित पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में भगवान महावीर की 24 फीट ऊंची खडगासन प्रतिमा सहित परिकरयुक्त चौबीसी एवं कमल मंदिर की नवग्रह अरिष्ट निवारक जिनालय प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा होगी।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव समिति के मुख्य संयोजक सुभाष चन्द जैन एवं प्रचार संयोजक विनोद जैन कोटखावदा के मुताबिक रविवार,27 नवम्बर को केवल ज्ञान कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। प्रातः तीर्थंकर महामुनि आहार चर्या,पंचाश्चर्य दृश्य, केवलज्ञान संस्कार सूरिमंत्र के बाद राजा श्रेणिक का जुलूस समवशरण में आगमन, समवशरण का उदघाटन, भगवान की दिव्य ध्वनि के बाद दोपहर 12.15 बजे से महामस्तकाभिषेक महोत्सव शुरु होगा।
सायंकाल महाआरती एवं शास्त्र सभा के बाद रंगशाला नाट्य अकादमी इन्दौर द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। जिसमें भगवान नेमिनाथ के जीवन पर आधारित वैभव और वैराग्य की गाथा ‘विरह और वैराग्य ‘ नाटिका की प्रस्तुति दी जाएगी।सोमवार,28 नवम्बर को मोक्ष कल्याणक महोत्सव मनाया जाएगा। पूर्णाहुति के बाद नवीन वेदी में भगवान को विराजमान करेंगे।
महोत्सव समिति के महामंत्री महेन्द्र कुमार पाटनी के मुताबिक मोक्ष कल्याणक के बाद दोपहर में भगवान महावीर की खडगाहन प्रतिमा एवं चौबीसी प्रतिमाओं का मस्तकाभिषेक होगा। यात्री निवास के सामने भगवान महावीर एवं क्षेत्र के विकास पर प्रदर्शनी लगाई गई है। राज्य सरकार एवं जिला प्रशासन का पूरा सहयोग महोत्सव एवं श्री महावीर जी के विकास में मिला है।
पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के गौरवशाली पात्रों में भगवान के माता पिता का पुण्यार्जन किरण देवी -राजकुमार सेठी,सौधर्म इन्द्र रोहन-अमिता कटारिया, चक्रवर्ती राजा सुरेश -शान्ता पाटनी,धनपति कुबेर दीपक-विनिता सेठी,यज्ञनायक श्रीपाल -कुसुम चूड़ीवाल,ईशान इन्द्र राजेश -विमला शाह,सनत कुमार इन्द्र पवन -प्रीति गोधा, माहेन्द्र इन्द्र तीर्थेश -प्रियंका छाबड़ा,राजा श्रेणिक अंकित -नैना पाटनी, ब्रह्म इन्द्र महेन्द्र कुमार -अंजना धाकडा, ब्रह्मेत्तर इन्द्र अनिल -अंजना जैन ने किया है।
षटखण्ड दिग्विजय यात्रा निकली
:पंच कल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव में शनिवार को चक्रवर्ती की षटखण्ड दिग्विजय यात्रा बड़ी धूमधाम के साथ मुख्य पाण्डाल से निकाली गई जो मुख्य बाजार होते हुए वापस पाण्डाल में पहुची। दिग्विजय यात्रा में बैण्ड बाजों,हाथी, घोड़े,ऊंट, बग्घियां, सहित लवाजमा शामिल हुआ। चक्रवर्ती राजा चारों ओर रत्नों की बरसात करते नज़र आए। इन्द्र -इन्द्राणियां हाथी, बग्गियों में बैठे हुए हर्षोल्लास से शामिल हुए।