ललितपुर. राजीव सिंघई । अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र पर राष्टीय विद्वत् संगोष्ठी में मुनि सुधासागर महाराज ने कहा कि कषायों को वही जीत सकता जिसे अनुभव में आए कि मैं कसाई हॅू। पापों का प्रक्षालन वही कर सकता जो अपने को पापी माने। मुनि श्री ने कर्म की प्रधानता बताते हुए कहा जीवन में हम दुखी इस लिए हो रहे कि हमने धर्म के कार्यो की तो सीमा बांधी है पर पाप करने की कोई सीमा नहीं बांधी। उन्होने कहा जिस प्रकार हम पूजन की थाली के शुद्ध होने का ध्यान रखते हैं उसी तरह भोजन की थाली भी शुद्ध हो ऐसा प्रयास करना चाहिए।
अखिल भारतीय जैन विद्वत परिषद के अधिवेशन में मुनि श्री ने विद्वानों को धर्म संस्कृति के संरक्षण के उदेश्य को जन-जन तक पहुंचाने के लिए कहा। वहीं उन्होने प्रत्येक विद्वान को स्वाध्याय और प्रवचन का सतत अभ्यास करने की सीख दी। उन्होने जैन स्तोत्रों को जैन धर्म का प्राण बताते हुए कहा इनको जीवन में उतारने में ही प्रभु की सच्ची भक्ति है जिसका अनुसरण प्रत्येक श्रावक को करना चाहिए।
अखिल भारतीय विद्वत परिषद के अधिवेशन का शुभारम्भ मुनि सुधासागर महाराज एवं मुनि पूज्य सागर महाराज, एलक धैर्यसागर महाराज, क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में आचार्य श्री के चित्र अनावरण दीपप्रज्जवलन से विद्वत परिषद के पदाधिकारियों ने किया; मंगलाचरण श्रीमती डा0 आरती जैन इटावा, श्रीमती निर्मला सांघवी जयपुर, श्रीमती प्रियंका जैन सागर ने कर गुरूचरणों में वंदना की।
प्रो0 अरूण कुमार जैन अध्यक्ष विद्वत परिषद ने जिनवाणी के आराधक विद्वानों की सर्वमान्य संस्था बताया। इस अवसर पर प्रमुख रूप से दिगम्बर जैन पंचायत अध्यक्ष अनिल जैन अंचल, महामंत्री डा0 अक्षय टडैया, प्रबंधक राजेन्द्र जैन थनवारा, मोदी पंकज जैन पार्षद संयोजक धार्मिक आयोजन मनोज जैन बबीना, मीडिया प्रभारी अक्षय अलया, संगोष्ठी संयोजक संजीव जैन ममता स्पोर्ट, जिनेन्द्र जैन डिस्को, सत्येन्द्र जैन गदयाना श्रेष्ठी शीलचंद अनौरा, अशोक दैलवारा, विजय जैन काफी, जिनेन्द्र जैन थनवारा, कोमलचंद जैन, आदि मौजूद रहे।
विद्वान हुए स्मृति पुरस्कार से सम्मानित
अधिवेशन में मुनि सुधासागर महाराज के सानिध्य में क्षुल्लक गणेश प्रसाद वर्णी स्मृति पुरस्कार पं0 हेमचंद जैन रेवाणी, पं0 सुरेन्द्र जैन वाराणसी, पं0 गोपालदास वरैया स्मृति पुरस्कार प्रो0 सुदर्शनलाल जैन वाराणसी, डा0 हरिशचंद जैन मुरैना, मेजर केकेजैन स्मृति पुरस्कार प्रो0 रमेष चंद जैन नईदिल्ली, प्रो0 फूलचंद प्रेमी वाराणसी, प्रो0 शीतलचंद जैन जयपुर, डा0 जयकुमार जैन मुजफरनगर, प्रो0 अभय कुमार जैन बीना, डा0 कपूरचंद जैन स्मृति पुरस्कार डा0 शैलेश जैन शास्त्री सांगानेर, डा0 अमित जैन भोरदा ललितपुर को प्रदान किया गया। उल्लेखनीय कार्य के लिए विद्वान आराधना पुरस्कार से सम्मानित हुए।
अखिल भारतीय विद्वत परिषद में प्रो0 अशोक जैन निर्विरोध अध्यक्ष निर्वाचित
अखिल भारतीय विद्वत परिषद के अधिवेशन में सर्वसम्मति से प्रो0 अशोक जैन वाराणसी को अध्यक्ष एवं प्रो0 विजय कुमार जैन लखनउ को महामंत्री चुना गया। लगातार तीन कार्यकाल महामंत्री रहे डा0 सुरेन्द्र भारती बुराहनपुर उपाध्यक्ष चुूने गए। इसके अतिरिक्त संयुक्त मंत्री पं0 संजीव जैन महरौनी, डा0 शैलेष जैन बांसवाडा उपमंत्री, पं0 महेनद्र जैन मुरैना कोषाध्यक्ष व डा0 सुमत कुमार जैन उदयपुर प्रकाशन मंत्री चुने गए। कार्यकारिणी सदस्य में प्रो0 कमलेश कुमार जैन वाराणसी, डा0 संतोष कुमार जैन सीकर, डा0 राजेन्द्र जैन चिन्तामणि जैन नागपुर, पं0 सुदर्शन जैन पिण्डरई , डा0 पंकज जैन इन्दौर, डा0 पुलक गोयल जवलपुर, डा0सुनील संचय ललितपुर,डा0 आशीष जैन दमोह0 किरण प्रकाश जैन सांगानेर,डा0 प्रदीपजैन तारादेही, डा0 अमित जैन भोरदा, डा0 संजय जैन सागर मनोनीत हुए। जैन गौरव अशोक जैन पाटनी किशनगढ, ज्ञानेन्द्र जैन गदिया सूरत, प्रो0 रमेश चंद जैन नईदिल्ली, डा0 शीतल चंद जैन जयपुर, डा0 जयकमार जैन मुजफरनगर, लाभचंद पटवारी विजौलिया, डा0 मणीन्द्रजैन नईदिल्ली, प्रो0 फूलचंद प्रेमी वाराणसी,अनिलजैन अंचल ललितपुर एवं प्रो0 अरूण जैन व्यावर संरक्षक चुने गए।
पर्यटन नहीं पवित्र जैन तीर्थ घोषित हो सम्मेद शिखर
झारखंण्ड राज्य के गिरिडीह जिले में 20 तीर्थंकरों की मोक्ष प्राप्ति स्थली श्री सम्मेदशिखर जी को पर्यटन स्थल घोषित किए जाने की मंशा पर विद्वानों ने अपनी आपत्ति जताते हुुए पवित्र जैन तीर्थ स्थल बताया। उक्त संबंध में कार्यकारिणी सदस्य डा0 सुनील जैन संचय ने प्रस्ताव रखते हुए कहा झारखण्ड सरकार पयार्वरण पर्यटन व गैर धार्मिक गतिविधियों की अनुमति देकर तीर्थराज की स्वतंत्रता और पवित्रता को नष्ट करने का कुप्रयास किया है। प्रस्ताव का समर्थन विद्वत परिषद के महामंत्री डा0 सुरेन्द्र भारती ने करते हुए कहा विद्वत परिषद के प्रत्येक सदस्य को इस मुहिम में योगदान के लिए आगे आना चाहिए