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विनय और नम्रता द्वारा ही गुणों की प्राप्ति संभव -मुनि पुंगव श्री सुधासागरजी महाराज

 विद्वत संगोष्ठी में विद्वान पुरस्कारों से हुए सम्मानित, साहित्यक कृतियों का हुआ लोकार्पण

ललितपुर.राजीव सिंघई । अभिनंदनोदय अतिशय तीर्थ क्षेत्र पर राष्ट्रीय विद्वत्संगोष्ठी में मुनि पुंगव श्री सुधासागरजी महाराज ने कहा कि विनय और नम्रता द्वारा ही गुणों की प्राप्ति हो सकती है। अगर किसी से कुछ सीखना है तो जीवन में विनय जरूरी है। मुनि श्री ने कहा जो आंख सारी दुनिया को देखती है स्वयं को नहीं देखती है, वह किसी की काम की नहीं है।  हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना जिससे समाज में नीचा देखना पडे।

जैन दर्शन में स्तोत्रों की महिमा पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि प्रभु के गुणों का स्मरण स्तोत्रों के माध्यम से होता है जिसमें श्रावक भक्ति करके आनंद की अनुभूति करता है। उन्होने स्तोत्रों को जीवन में उपयोगी बताते हुए कहा कि जो प्रभु की भक्ति करेगा वह संसार में कभी दुखी नहीं होगा और भक्ति यदि चरम पर पहुच गई तो मुक्ति की प्राप्ति भी असंभव नहीं होगी।

जैन स्तोत्र साहित्यानुशीलन राष्ट्रीय विद्वत्संगोष्ठी के तृतीय दिवस का आरम्भ मुनि सुधासागर जी महाराज एवं मुनि पूज्य सागर महाराज,  एलक धैर्यसागर महाराज,  क्षुल्लक गम्भीर सागर महाराज के ससंघ सानिध्य में आचार्य श्री के चित्र के अनावरण व दीपप्रज्जवलन से हुआ। प्रारम्भिक सत्र की अध्यक्षता वृषभ प्रसाद जैन ने करते हुए जैन स्तोत्रों का भाषा वैशिष्ट्य विस्तार से बताया। संगोष्ठी में सारस्वत अतिथि प्रो0 अरूण कुमार जैन सांगानेर रहे जिन्होने स्तोत्र साहित्य में भक्ति का व्याकरण विषय पर अपना आलेख प्रस्तुत किया। जवकि संयोजन पं0 प्रदीप जैन दमोह द्वारा किया गया। पं0 संजीव कुमार जैन महरौनी ने मुनि पुंगव श्री सुधासागर महाराज के भक्ताम्मर स्तोत्र संबंधी प्रवचनों के प्रभाव को विस्तार से बताया, वहीं डा0 शैलेश कुमार जैन बांसवाडा ने भक्तामर स्तोत्र में भगवान का बाह्य और आभ्यन्तरिक वैभव को अपने आलेख में बताया।

मध्यान्ह सत्र प्रो0 अशोक कुमार जैन वाराणसी की अध्यक्षता में हुआ जिसमें सारस्वत अतिथि पं0 दिनेश गंगवाल जयपुर ने स्तोत्र साहित्य में देव देवालय मानस्तम्भ एवं वास्तु की अवधारणा को अपने आलेख में बताया। संगोष्ठी का संचालन डा0 शैलेश कुमार जैन बांसवाडा ने किया। संगोष्ठी में डा0 राकेश जैन जयपुर ने आप्तमीमांसा में सर्वेषां आप्तानास्ति कथन का औचित्य एवं प्रो0 कमलेश कुमार जैन जयपुर ने स्तोत्र साहित्य में स्तुित संबंधी शब्दावली और उसके वैशिष्टय पर अपना आलेख प्रस्तुत किया। डा0 आनंद कुमार जैन वाराणसी ने युक्त्यनुशासन की दार्शनिकता  व प्रो0 ़ऋषभ चंद जैन फोजदार दमोह ने एकीभाव स्तोत्र में एकीभाव और उसकी पूर्णता की अवधारणा पर प्रकाश डाला।
अखिल भारतीय विद्वत परिषद ने आचार्य विद्यासागर पुरस्कार से डा0राका जैन लखनउ, आचार्य ज्ञानसागर पुरस्कार से पं0 महेश जी सतना, मुनि पुंगव सुधासागर पुरस्कार से पं0 आलोक जैन मोदी ललितपुर, श्रमण संस्कृति एवं तीर्थसंरक्षण पुरस्कार से डा0पुलक गोयल जबलपुर को सम्मानित किया।

संगोष्ठी में अर्न्तमन की अनुभूति,  रिलीजन एण्ड फिलासफी आफ जैन्स, आचार्य कुन्दकुन्द वाडमय में सैद्धान्तिक विमर्श, आर्यिका स्वरूपाचार्य एवं आचार्य, रजत गौरव सुधा, जिन स्तोत्र भारती आदि कृतियों का विमोचन किया गया। इसके उपारान्त सम्मानित विद्वानों की भव्य शोभायात्रा निकली गई जिसमें श्रावकों ने पुरस्कृत विद्वानों के पुण्य की अनुमोदना की।

इस मौके पर अखिल भारतीय विद्वत् परिषद ने संगोष्ठी की संयोजन में सहयोग के लिए दिगम्बर जैन पंचायत अध्यक्ष अनिल जैन,  अंचल महामंत्री डा0 अक्षय टडैया,  प्रबंधक राजेन्द्र जैन थनवारा, मोदी पंकज जैन पार्षद,  संयोजक धार्मिक आयोजन मनोज जैन बबीना,  मीडिया प्रभारी अक्षय अलया,  संगोष्ठी संयोजक संजीव जैन ममता स्पोर्ट, जिनेन्द्र जैन डिस्को, सत्येन्द्र जैन गदयाना,  मनोज जैन ललितपुर लाइव चैनल, श्रेष्ठी शीलचंद अनौरा, अशोक दैलवारा के साथ आचार्य विद्यासागर व्यायामशाला को सम्मानित किया।

ललितपुर दिगम्बर जैन पंचायत ने आमंत्रित श्रेष्ठी विद्वतजनों को स्मृति चिन्ह के साथ सम्मानित किया जिसमें प्रमुख रूप से श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर के अधिष्ठाता डा0जयकुमार जैन, पं0 अरूण कुमार जैन जयपुर, डा0 शैलेश कुमार जैन शास्त्री जयपुर, डा0रमेश चंद जैन नईदिल्ली, प्रो0 फूलचंद प्रेमी वाराणसी, डा0अशोक जैन वाराणसी, डा0 ज्योति जैन खतौली, पं0 वृषभ कुमार जैन लखनउ, डा0 ज्योति बाबू जैन उदयपुर, पं0 अशोक जैन शास्त्री इन्दौर, डा0 नरेन्द्र जैन सनावद, पं0 दिनेश गंगवाल प्रमुख रहे। संगोष्ठी का संचालन विद्वत् परिषद के महामंत्री डा0 सुरेन्द्र भारती बुरहानपुर द्वारा किया गया।

अभिनंदनोदय तीर्थ में रजत चौबीसी जिनालय का शिलान्यास
प्रातःकाल अभिनंदनोदय तीर्थ क्षेत्रपाल मंदिर में निर्यापक श्रमण मुनि सुधासागर महाराज के सान्निध्य एवं पं0 सुरेश चद जैन दमोह के मार्गदर्शन में रजत चौबीसी  मंदिर के शिलान्यास का पुर्ण्याजन श्रावक श्रेष्ठी विनोद कुमार, देवेन्द्र कुमार  मुकेश कुमार, राकेश सुनील कामरा परिवार ने किया। अभिनंदनोदय तीर्थ में भव्य रजत चौबीसी मंदिर निर्माण की प्रेरणा मुनि श्री ने समाज को दी है जिससे निर्माणाधीन भव्य जिनालय में श्रावकों को रजत चौबीसी जो विश्व में अद्वितीय रहेगी के दर्शनलाभ का सौभाग्य मिलेगा।

विद्वत् परिषद का खुला अधिवेशन आज
अखिल भारतवर्षीय दिगम्बर जैन विद्वत् परिषद का आज 14 नबम्बर को मुनिश्री के सान्निध्य में प्रातः 7-30 बजे से खुला अधिवेशन चल रहा है। जिसमें मुख्य अतिथ जैन गौरव श्री अशोक पाटनी किशनगढ, ज्ञानेन्द्र गदिया सूरत,  डा0 मणीन्द्रजैन नईदिल्ली रहे। मीडिया प्रभारी अक्षय अलया ने बताया कि अधिवेशन की अध्यक्षता डा0 अरूण कुमार जैन प्राचार्य श्रमण संस्कृति संस्थान सांगानेर एवं संयोजन डा0 सुरेन्द्र भारती महामंत्री विद्वत परिषद द्वारा किया गया।

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