-10 नवंबर को मनाया जाएगा आचार्य विद्यासागर जी का 50वां आचार्य पदारोहण दिवस
मड़ावरा(ललितपुर, प्रियंक सर्राफ)। वर्णी नगर मड़ावरा में आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज के आशीर्वाद व निर्यापक श्रमण अभय सागर, प्रभात सागर, निरीह सागर जी मुनिराज के मंगल सानिध्य व बाल ब्रह्मचारी मनोज भैया, ललितपुर के निर्देशन में आयोजित किए जा रहे श्री 1008 सिद्धचक्र महामण्डल विधान का नौ नवंबर को विश्वशांति महायज्ञ व नगर परिक्रमा के साथ समापन किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि कस्वा मड़ावरा निवासी विमलेश कुमार, संतोष कुमार जैन बजाज परिवार के सौजन्य से बीते एक नवंबर से मड़ावरा के महावीर विद्या विहार के विशाल देशनाग्रह में अष्टानिका महापर्व के पवित्र दिनों में सिद्धों की आराधना के आधार सिद्धचक्र महामण्डल विधान का आयोजन किया जा रहा है, जिसका बुधवार को सम्पूर्ण विश्व में शांति समरसता की कामना करते हुए महायज्ञ में आहुतियां समर्पित व नगर में श्रीजी की शोभायात्रा निकालकर नगर परिक्रमा के साथ समापन किया जाएगा।
आठवें अंतिम दिवस नित्य-नियम, पूजा-विधान, शांतिधारा उपरांत श्रद्धालुओं द्वारा भगवान जिनेन्द्र देव को 1024 अर्घ्य समर्पित किये गए। रात्रिकालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में अखिल भारतीय स्वस्ति महिला मंडल के सौजन्य से “दर्शन प्रतिज्ञा मनोवती” नामक नाटिका का मंचन किया गया, जिसका संचालन ममता जैन मेडिकल ने किया।
आचार्य विद्यासागर जी के 50वें आचार्य पदारोहण दिवस पर कार्यक्रम
आयोजक मण्डल ने बताया कि सायंकालीन कार्यक्रमों की श्रृंखला में आचार्य भगवन विद्यासागर जी महामुनिराज के 50वें आचार्य पदारोहण दिवस 10 नवंबर की पूर्व संध्या को प्रोजेक्टर के माध्यम से पर्दे पर आचार्य भगवन की 50वर्ष की धर्मयात्रा के स्वर्णिम क्षणों की स्मृतियों का प्रदर्शन विद्योदय फिल्म के माध्यम से किया जाएगा। दस नवंबर को आचार्य श्री के स्वर्णिम 50वें आचार्य पदारोहण दिवस उपलक्ष्य में आचार्य छत्तीसी विधान का महाआयोजन सकल दिगम्बर जैन समाज द्वारा महावीर विद्याविहार में किया जाएगा।
मड़ावरा में गौशाला खुलने का मार्ग हुआ प्रशस्त
आचार्य विद्यासागर जी महाराज के मंगल आशीर्वाद से सम्पूर्ण देश में गौहत्या रोकने व गौ संवर्धन के लिए संचालित दयोदय महासंघ के प्रयासों व निर्यापक मुनि अभय सागर, मुनि प्रभात सागर, मुनि निरीह सागर जी की प्रेरणा से वर्णी नगर मड़ावरा में भी अब दयोदय गौशाला बनने का मार्ग प्रशस्त होता नजर आ रहा है, जिसके अंतर्गत मंगलवार को सिद्धचक्र महामण्डल विधान के दौरान गौशाला निर्माण के लिए जैन समाज के श्रद्धालुओं ने गौशाला के शिरोमणि संरक्षक, परम् संरक्षक व आजीवन संरक्षक सदस्य बन दान की घोषणाएं कीं।