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रश्मि जैन ने अंगीकार किया वैराग्य का मार्ग

मुरैना.मनोज नायक । नगर की विदुषी श्राविका श्रीमती रश्मि जैन की गोद भराई का कार्यक्रम परम पूज्य समाधिस्थ आचार्य श्री ज्ञानसागर जी महाराज की परम प्रभावक शिष्या आर्यिका श्री अन्तसमति माताजी के पावन सान्निध्य में चम्बलांचल के गोरमी में हर्षोल्लास पूर्वक सम्पन्न हुआ। श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन पंचायती बड़ा मन्दिर मुरैना के पूर्व मंत्री, वरिष्ठ समाजसेवी, उपरोचियां जैसवाल जैन समाज के दनगसिया गोत्रीय पदमचंद जैन उर्फ गैंदालाल जी जैन (चैटा वाले) की धर्मपत्नी रश्मि जैन प्रारंभ से ही गृहस्थ अवस्था में रहकर भी संयम की साधना कर रही थीं।

आपके तीन पुत्र, पुत्रवधू, नाती-पन्ति सहित भरा-पूरा परिवार है लेकिन उन्होंने अपने पारिवारिक मोह को त्यागकर संयम के मार्ग पर चलने का निर्णय लिया। आप नगर में किसी भी साधु के आगमन पर अपने परिवार सहित गुरुभक्ति एवं आहारचर्या में अग्रणी रहती थीं। लगभग तीन माह पहले रश्मि जैन ने दीक्षा की भावना व्यक्त करते हुए भोपाल में चातुर्मासरत परम पूज्य आचार्यश्री विनिश्चयसागर जी महाराज को श्रीफल भेंट किया और गुरुदेव ने सहर्ष उन्हें आशीर्वाद प्रदान किया। रश्मि जैन की दीक्षा आचार्य श्री विनिश्चयसागर जी महाराज के कर कमलों से 14 दिसम्बर के आसपास भोपाल में हो सकती है।

चूंकि आचार्य विनिश्चयसागर जी महाराज अपने संघ में आर्यिका माताजी नहीं रखते, इसलिए अभी यह निश्चित नहीं है कि दीक्षा लेने के पश्चात रश्मि जैन किस आर्यिका संघ में रहकर संयम की साधना करेंगी।

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