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रानी बाग में मनाया गया शरद पूर्णिमा महोत्सव

नई दिल्ली. समीर जैन। श्री शान्तिनाथ दिगम्बर जैन मन्दिर, रानी बाग में शरद पूर्णिमा के परम पावन अमृत योग में प्रथम बार 16 मंडलीय श्री शान्तिनाथ महामण्डल विधान एवं विश्वशान्ति मंत्रानुष्ठान का भव्य आयोजन परम श्रद्धेय, मंत्र महर्षि, धर्मयोगी संत (डॉ.) क्षुल्लक श्री 105 योग भूषण जी महाराज के पावन सान्निध्य में भक्तिभाव सहित किया गया। मूलनायक श्री शान्तिनाथ भगवान की मनोहारी प्रतिमा का प्रथम अभिषेक करने का सौभाग्य ज्ञान चंद जैन (रानी बाग), वृहद् शान्तिधारा का सौभाग्य राजकुमार जैन (श्रीनगर) एवं राजेश जैन (विवेकानंदपुरी) को प्राप् हुआ।

महायज्ञनायक बनने का सौभाग्य रमेश चंद जैन (राजा पार्क) को प्राप्त हुआ। पं. विवेक जैन शास्त्री के विधानाचार्यत्व में समस्त मांगलिक क्रियाएं विधि-विधान पूर्वक संपन्न हुईं। नित्य-नियम पूजन के पश्चात मंडल प्रतिष्ठा की गई, जिसमें ममता जैन सेठी (रानी बाग), काकाली जैन बड़जात्या (रानी बाग), सुमन जैन (श्रीनगर) एवं सुनीता जैन (श्रीनगर) को चतुष्कोण कलश तथा हीरादेवी जैन बड़जात्या (रानी बाग) को मुख्य कलश विराजमान करने का परम सौभाग्य प्राप्त हुआ। युवा मंडल द्वारा क्षुल्लक श्री के पाद प्रक्षालन किया गया। सौभाग्यवती महिलाओं द्वारा शास्त्र भेंट किया गया।

श्री शान्तिनाथ कथा के माध्यम से क्षुल्लक श्री ने उपस्थित जनसमुदाय को श्री शान्तिनाथ भगवान के जीवन से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि शरद पूर्णिमा का ज्योतिषीय मुहूर्त मंत्र साधना व सिद्धि के लिए विशिष्ट लाभकारी है। क्षुल्लक श्री ने यह भी बताया कि शरद पूर्णिमा पर चन्द्रमा अपनी समस्त कलाओं के साथ आकाश से धरती पर अमृत की वर्षा करता है, जिसमें स्नान करने से अभूतपूर्व आनंद की अनुभूति होती है। इस शुभ संयोग पर पूज्य आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज का जन्मदिवस, पूज्य आचार्य श्री अतिवीर जी मुनिराज का एलाचार्य पद प्रतिष्ठापन दिवस, गणिनी आर्यिका श्री ज्ञानमती माताजी का जन्मदिवस आते हैं।

अतिशय क्षेत्र बड़ागांव में अनुपम कृति त्रिलोक तीर्थ का शिलान्यास जैसा अद्वितीय कार्य भी इसी दिन संपन्न हुआ है। विधान का समापन सर्वतोभद्र मंत्रानुष्ठान से हुआ, जिसमें सभी ने पुष्पाहुति से विश्वशांति की मंगल कामना की।

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