दोनों संतों का मतः हमारा समाज एक उपवन की तरह
रायपुर@राजेश जैन दद्दू । यह अद्भुत क्षण रहा जब श्रमणाचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज से श्वेताम्बर परंपरा के राष्ट्र संत श्री ललित प्रभ सागर जी का औपचारिक संत समागम शंकर नगर स्थित जैन मंदिर में हुआ। दोनों संतों ने यह संदेश दिया कि भले ही हमारी पूजा पद्धतियां अलग हों लेकिन हम सभी अहिंसा धर्म को मानने वाले वर्तमान शासन नायक भगवान महावीर को मानने वाले हैं। जैन समाज के सभी पंथ एक हैं और वे एक- दूसरे का सम्मान करते हैं। दोनों संतों का यह भी मत रहा कि हमारा समाज एक उपवन की तरह है। कई तरह के रंग-बिरंगे फूल हैं, पंथ, संप्रदाय हैं लेकिन हमारे बीच दूरियां नहीं होना चाहिए। हमारा समाज आगे बढे़े तथा सभी भगवान महावीर के संदेशों को फैलाते बढ़ाते रहें।
ज्ञातव्य रहे कि आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी एवं राष्ट्र संत ललितप्रभ सागर जी महाराज का चातुर्मास छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में चल रहा है।