पात्रता ऐसी चीज है जो बाजार में नहीं मिलती
न्यूज़ सौजन्य- कुणाल जैन
प्रतापगढ़। आचार्य सुन्दर सागर जी महाराज ने भक्तजनों और श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा है कि धन्य हैं वे लोग, जो जिनेंद्र की वाणी सुनने में सहायक हैं। समयसार पढ़िए। पर पहले यह समझिए कि समयसार की जरूरत है। क्योंकि मेरा लक्ष्य यही है। जरा सोचो, लक्ष्य तय करो। फिर आगे कार्य में निष्पादित करिए। यह कहना कि समयसार पढ़ना तो है लेकिन वापस घर में ही रहना है तो ऐसा समयसार पढ़ना आवश्यक नहीं है। अगर समयसार पढ़कर भी आपने कुछ समझा नहीं, क्रोध, माया, लोभ किया तो फिर भटकना पड़ेगा।
आचार्य सुन्दर सागर जी महाराज ने कहा कि पात्रता ऐसी चीज है जो बाजार में नहीं मिलती। आपकी आत्मा अविनाशी है, न तो कई इसे काट सकता है और न ही कोई इसको मार सकता है। यह अपने स्व-स्थान पर ही शुद्ध है। जो शुद्ध हो गया, वह शुद्ध होकर सिद्ध हो गया। आप यह मानकर चलें कि आपके अंदर शुद्ध होने की शक्ति है। सत्य तो यही है कि यदि आप में योग्यता है तो आप शुद्धतम बन सकते हैं।