श्रावक, भोग और भोजन के लिए तो एक हो गए है पर भगवान की आराधना में बंधन डालें हुए है, धर्म का संवरण करते रहो यह हमारा आज और कल दोनों बचाएगा – मुनि श्री अमित सागर जी
न्यूज सौजन्य- राकेश जैन
कोटा। जिस धर्म में एक चींटी के प्राणों की रक्षा करना हर श्रावक का कर्तव्य बताया है तो मानव जाति के हर धर्म के लिए भी हमारे यही भाव होने चाहिए इसी भावना को प्रकट करते हुए श्री दिगम्बर जैन मंदिर, महावीर नगर द्वितीय के युवा अध्यक्ष दर्पण जैन ने जैन मंदिर के सामने संत शाला एवं धर्मशाला के निर्माण पूर्व शिलान्यास के अवसर पर अपनी बात रखी। साथ ही उन्होंने बताया कि पिछले काफी समय से मुनिराज आदि के प्रवास हेतु स्थान का अभाव रहा है। इस अभाव को दूर करने के लिए समाज जनों के सहयोग से संत शाला एवं धर्मशाला का निर्माण किया जा रहा है। ये धर्मशाला केवल जैनियों के उपयोग तक सीमित नहीं रहेगी कुछ आवश्यक नियमावलियों के साथ यह सर्व समाज को उपलब्ध करवाई जाएगी। इस अवसर पर बालयोगी, प्रज्ञाश्रमण श्री अमित सागर जी मुनिराज का संसघ पावन सानिध्य प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर पूज्य गुरुदेव ने अपने प्रवचन में वीर शासन जयंती के साथ साथ गुरुओं के लिए वसतिका दान का महत्व बताया।
मुनि भक्त अब मनी भक्त हो गए
पूज्य मुनिश्री अमित सागर जी ने कहा कि आज इस पृथ्वी पर जो दिगम्बर भेष जीवंत दिखाई पड़ रहा है वह प्रथमाचार्य चारित्र चक्रवर्ती 108 श्री शान्तिसागर जी महामुनिराज की देन है। जिन्होंने उन विषम परिस्थियों में दिगम्बरत्व को जीवित रखा जब नग्नता को हेय माना जाता था। आज जिन मंदिरों ट्रस्टों ओर उनकी आम्नाय के लिए लोग झगड़ते है उनकी अखण्ड पवित्रता के लिए ऐसे प्रथमाचार्य ने 1108 दिन तक अन्न का त्याग कर दिया था। आज हर जिनालय में ऐसे महान आचार्य के चित्र होना चाहिए ताकि हमारी आगे की पीढ़ी इस युग की श्रमण चर्या के प्रतिपादक से परिचित हो सकें। तभी भगवान महावीर का शासन जीवंत रहेगा।
आज स्थिति बड़ी विचित्र होती जा रही है, जिन्हें वीतरागी होना चाहिए वह वित्तरागी हो रहे है और जिन्हें मुनि भक्त होना चाहिए वह मनी भक्त हो रहे है। यह विकट भविष्य का संकेत है । श्रावक, भोग और भोजन के लिए तो एक हो गए है पर भगवान की आराधना में बंधन डाले हुए है। इसलिए धर्म का संवरण करते रहो यह हमारा आज और कल दोनों बचाएगा।
राकेश जैन चपलमन ने बताया कि इस अवसर पर सकल दिगम्बर जैन समिति के अध्यक्ष विमल नांता, राजमल पाटोदी, प्रकाश बज, प्रदीप पाटनी, शिखर पाटोदी, राजेश मंगलम, मनोज जायसवाल, सिद्दार्थ जैन,कोटा नागरिक सहकारी बैंक के चेयरमेन राजेश जी बिरला, जी एम ए अध्यक्ष राकेश जैन सभी ने मिलकर मुनि संघ के सानिध्य में शिलान्यास किया।