श्रीफल न्यूज के प्रिया व्यास की रिपोर्ट
4 अगस्त 2022 को पूरे हो रहे 25 वर्ष, सिल्वर जुबली कार्यक्रम के तहत साल भर कॉलेज और स्टूडेंट्स के हित के लिए किए जाएंगे काम
श्रवणबेलगोला। कर्नाटक के हसन जिले में स्थित श्रवणबेलगोला, 1981 में गोमटेश्वर भगवान बाहुबली स्वामी का हजार वर्ष प्रतिष्ठान महामस्तकाभिषेक’ बहुत सफलतापूर्वक आयोजित किया गया था। 1982 में जगदगुरु कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकिर्ती भट्टारक महास्वामी जी ने शैक्षिक उन्नति के उद्देश्य से श्री क्षेत्र श्रवणबेलगोला में एसएसडीजेजेपी (SSD JJP) संघ की स्थापना की।
इसके बाद 1997 में बाहुबली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग की स्थापना की गई। यह एआईसीटीई द्वारा अनुमोदित नहीं है पर कर्नाटक सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त और विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार आगे बढ़ाया जा रहा है।
एसएसडीजेजेपी संघ (आर) सेक्रेटरी प्रो. बबन परिस दतवाड़े ने कार्यक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कॉलेज में 5 ब्रांच है जिसमें सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग, सूचना विज्ञान और इंजीनियरिंग और मैकेनिकल इंजीनियरिंग साथ ही एम.टेक में पीजी पाठ्यक्रम इंजीनियरिंग प्रबंधन पाठ्यक्रम है।
जल्द ही आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग कोर्स भी लेकर आने वाले है। श्रवणबेलगोला में विश्व प्रसिद्ध विंध्यगिरी पहाड़ी पर स्थित भगवान बाहुबली की 58 फीट ऊंची प्रतिमा लगभग तीन से चार किलो मीटर की दूरी से देखी जा सकती है। शैक्षिक वातावरण के लिए श्रवणबेलगोला एक उपयुक्त स्थान है। जहां से अब तक 21वें बैच के 4100 छात्रों ने कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त की है। जिसमें 1200 जैन छात्रों ने कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री पूरी की है। जिसमें लगभग सभी एमएससी कंपनियों में कार्यरत हैं।
साथ ही बताया कि 4 अगस्त 2022 को कॉलेज के 25 वर्ष पूरे होने पर सिल्वर जुबली का महोत्सव मनाया जा रहा है जो पिछले दो वर्ष से कोरोना संक्रमण के चलते स्थगित कर दिया गया था। रविवार को कार्यक्रम शुरू किया गया जिसमें कॉलेज की फैसिलिटी और उपलब्धता पर बात की गई। साथ ही सिल्वर जुबली के तहत साल भर किए जाने वाले कार्यक्रमों पर बात की गई। कार्यक्रम के दौरान जगदगुरु कर्मयोगी स्वस्तिश्री चारुकिर्ती भट्टारक महास्वामी जी, स्वामी जी के शिष्य भट्टाकलंक भट्टारक महास्वामी सोंधा जैन मठ शिरसी, एमएलए सी एन बालकृष्ण जी,संघ के सदस्य और मैसूर, हासन, तुमकुर, मंड्या अलग अलग जगह से जैन समाज गण बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। इसके साथ ही सिल्वर जुबली के कार्याध्यक्ष डॉ गोमटेश्वर एम रावनवर, एसएसडीजेजेपी (आर), सेक्रेटरी प्रो. बबन परिसददतवाड़े कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ डी. सुनील कुमार मौजूद रहे।
कॉलेज में ये है फैसिलिटीज़
कॉलेज में डिजिटल लाइब्रेरी के साथ ही समाचार पत्र और पत्रिका भी शामिल है। इसके साथ ही लाइब्रेरी में एसए 2(SA2) शीर्षक और पुस्तकों के 26,180 खंड हैं। इसके अलावा 500 से अधिक राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन जर्नल भी हैं। पुस्तकालय में 2147 पुस्तकों के साथ एक विशेष एससी/एसटी: बुक बैंक भी तैयार किया गया है। कॉलेज में एक जर्नल, बुक बैंक है जिसके चलते 60 प्रतिशत से ज्यादा लाने वाले स्टूडेंट्स को फ्री में बुक प्रोवाइड कराई जाती है। साथ ही अंतिम वर्ष के सभी शैक्षणिक टॉपर्स को स्वर्ण पदक से सम्मानित किया जाता है।
प्रशिक्षण और प्लेसमेंट
कॉलेज में प्रशिक्षण और प्लेसमेंट विभाग है। जिसमें स्टूडेंट्स को प्रतिस्पर्धा के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है। पिछले साल अंतिम वर्ष के छात्रों को प्रौद्योगिकी और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की प्रतिष्ठित हस्तियों को बुलाकर सेमिनार रखा गया। प्लेसमेंट ड्राइव में इंफोसिस, विप्रो, आईबीएम, यूटीएल, यूजीएस, बॉश एचएसबीसी आईसीआईसीआई, टीसीएस, सीटीएल एक्सेंचर, डीईएल, ओआईआईटी जैसी 150 से ज्यादा बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने स्टूडेंट्स को आईटी फील्ड में अवसर दिए।
साल भर मनाई जाने वाली सिल्वर जुबली स्कीम –
- विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन।
- पूर्व छात्रों द्वारा स्मार्ट हॉल, ई-स्टूडियो का निर्माण ।
- कन्नड़ और इंग्लिश में में विज्ञान, राज्य/राष्ट्रीय/अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और पुस्तक प्रदर्शनी ।
- अप्रकाशित पीएचडी. शोध पुस्तकों का प्रकाशन।
- सेवाओं और कर्मचारियों के लिए दाताओं का सम्मान।
- पूर्व छात्र संघ और उनकी उपलब्धियों को पहचानना और सम्मानित करना।
- निबंध लेखन, कविता लेखन प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन।
- विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
- योग एवं स्वास्थ्य शिविर का आयोजन।
- स्टेडियम का निर्माण।
- सिल्वर जुबली पार्क का निर्माण (25 वृक्षारोपण एवं भूनिर्माण) ।
- कॉलेज भवनों का उन्नयन और उपकरण/फर्नीचर का उन्नयन ।
- सोलर पार्क की स्थापना ।
- स्मारक अंक (कन्नड़, अंग्रेजी, हिंदी) प्रकाशन ।
- विभिन्न नवीन शैक्षिक परियोजनाओं को प्रारंभ करने के लिए भवनों का निर्माण ।
- जॉब फेयर ।
- राज्य स्तरीय इंजीनियरिंग कॉलेजों की परियोजना प्रदर्शनी ।