शहर के विभिन्न जैन मंदिरों में श्रेष्ठी नंदकिशोर, प्रमोद पहाड़िया के सहयोग से एआरएल “पहल थिएटर एंड पर्सनल्टी डवलपमेंट वर्कशॉप सीज़न-2” का आयोजन अरिहन्त नाट्य संस्था द्वारा 1 जून से 25 जून तक किया जायेगा। इसमें सात वर्ष से बीस वर्ष आयु वर्ग के लगभग पांच सौ बच्चों को सिखाया जाएगा। पढ़िए मनोज जैन नायक की रिपोर्ट…
जयपुर। शहर के विभिन्न जैन मंदिरों में श्रेष्ठी नंदकिशोर, प्रमोद पहाड़िया के सहयोग से एआरएल “पहल थिएटर एन्ड पर्सनल्टी डवलपमेंट वर्कशॉप सीज़न-2” का आयोजन अरिहन्त नाट्य संस्था द्वारा 1 जून से 25 जून तक किया जायेगा। इसमें सात वर्ष से बीस वर्ष आयु वर्ग के लगभग पांच सौ बच्चों को सिखाया जाएगा। समन्वय, सामन्जस्य, संस्कार, भाव अभिव्यक्ति, व्यक्तित्व विकास, एकाग्रता, सहनशीलता, आर्ट एन्ड क्राफ्ट, ड्रॉइंग एंड पेंटिंग, डांस इन सभी विषयों का प्रशिक्षण जवाहर कला केंद्र, रविन्द्र मंच से जुड़े तीस प्रशिक्षिकों द्वारा जयपुर के श्री दिगम्बर जैन मंदिर चन्द्र प्रभजी दुर्गापुरा, श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, थड़ी मार्केट मानसरोवर, श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर मंगल विहार, अनुप्रिया बुटिक महेश नगर, श्री दिगम्बर जैन मंदिर जय जवान कॉलोनी, श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, कीर्ति नगर, श्री दिगम्बर जैन मंदिर ठोलियान सांगानेर, श्री दिगम्बर जैन चैत्यालय, बापू नगर, श्री दिगम्बर जैन मंदिर, यतीयशोदानन्द जी, चौड़ा रास्ता, गोपी बंगलों नम्बर 78, सिविल लाइन्स में किया जायेगा।
पहल की सराहना की
कार्यशाला से जुड़ी मुख्य समन्वयक शीला डोडिया ने बताया कि इतने वृहद स्तर पर जैन समाज मे दूसरी बार इस तरह की कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें बच्चों के साथ-साथ उनके माता-पिता भी उत्साह दिखा रहे हैं। इस तरह की वर्कशॉप का आयोजन आज के बदलते दौर में बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत जरूरी है। इसी को देखते हुए अरिहन्त नाट्य संस्था द्वारा अजय जैन मोहनबाड़ी ने इस ओर कदम बढ़ाते हुए एक पहल की। इस कार्यशाला के माध्यम से सम्पूर्ण भारत देश मे पहली बार पाँच सौ बच्चों द्वारा समाधिस्थ संतशिरोमणि आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज का गुणानुवाद किया जाएगा।
सामाजिक संस्कार देना है उद्देश्य
कार्यशाला से जुड़ी समन्वयक डॉ. वंदना जैन एवं शालिनी बाकलीवाल ने कहा कि इस वर्ष कार्यशाला में बच्चों को आचार्य भगवन के संस्मरणों पर आधारित अनेक नाटकों व उनके प्रकल्पों पर आधारित नृत्य प्रस्तुतियां एवं बच्चों द्वारा आचार्य श्री की पेंटिंग व आर्ट एण्ड क्राफ्ट तैयार कराये जायेंगे, जिससे हमारे बच्चे आचार्य श्री के जीवन उनके त्याग, तपस्या, प्रकल्प व परोपकार को भी समझ पायेंगे। पहल थिएटर एन्ड पर्सनल्टी डवलपमेंट वर्कशॉप सीज़न-2 के निर्देशक अजय जैन मोहनबाड़ी ने बताया कि ये सिर्फ समर कैम्प ही नहीं है। इस कार्यशाला में बच्चों को सामाजिक संस्कार भी दिए दिए जाएंगे। इसके साथ ही बच्चों को प्रतिदिन आचार्य श्री के संस्मरण सुनाए जायेंगे, जिस पर बच्चे स्वयं ही नाटक तैयार करेंगे।
इस कार्यशाला का उद्देश्य यही है कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के साथ साथ सही मार्गदर्शन देते हुए बच्चों को एक प्लेटफार्म तक पहुंचाया जाए और उनके अंदर छिपी प्रतिभा को निखार कर सामने लाया जाए। कार्यशाला का समापन महावीर स्कूल के मुख्य सभागार में तीन दिवसीय कार्यक्रम के साथ किया जाएगा। जिसमें अलग-अलग ग्रुप द्वारा आचार्य श्री के संस्मरणों पर बच्चों द्वारा नाटक व डांस की प्रस्तुतियां होंगी व बच्चों द्वारा आर्ट एंड क्राफ्ट, ड्रॉइंग एंड पेंटिंग की प्रर्दशनी जवाहर कला केंद्र में लगाई जाएगी।
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