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108 दिवसीय भक्तामर दीप अनुष्ठान : 24 घंटे का अखंड भक्तामर पाठ विधान के साथ संपन्न 


प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी आचार्य पद प्रतिष्ठापना शताब्दी महोत्सव एवं आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 75 वीं हीरक जन्म वर्ष अंतर्गत 108 दिवसीय भक्तामर दीप अनुष्ठान 28 जनवरी से 15 मई तक निरंतर चल रहा है। भक्तामर विधान के 48 काव्य के अर्घ्य पूजन कर समर्पित किए गए। इंदौर से पढ़िए राजेश पंचोलिया की खबर…


इंदौर। पंचम पट्टाधीश 108 आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं समाधिस्थ मुनि श्री चारित्रसागर जी की प्रेरणा से स्थापित श्री आदिनाथ चेत्यालय स्कीम नंबर 71 इंदौर में प्रथमाचार्य श्री शांतिसागर जी महाराज आचार्य पद प्रतिष्ठापना शताब्दी महोत्सव एवं आचार्य श्री वर्धमान सागर जी 75 वीं हीरक जन्म वर्ष अंतर्गत 108 दिवसीय भक्तामर दीप अनुष्ठान 28 जनवरी से 15 मई तक निरंतर चल रहा है। श्री आदिनाथ चैत्यालय के महासंरक्षक आरती सनत जैन ने बताया कि 13 अप्रैल को 24 घंटे का अखंड पाठ प्रातः प्रारंभ होकर समापन 14 अप्रैल को प्रातः हुआ ।

श्री भक्तामर विधान के 48 काव्य के अर्घ्य पूजन कर समर्पित किए गए। इस अवसर पर श्री जी का पंचामृत अभिषेक हुआ। मूल नायक श्री आदिनाथ भगवान की विशेष पूजन भक्ति भाव नृत्य पूर्वक की गई। श्री महेंद्र टी एवं सुनील अनुसार भक्तामर महास्रोत आराधना भक्त परिवार के तत्वाधान में दीप आराधना कर पुण्य शाली परिवार द्वारा प्रभावना का वितरण किया जाता है।

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