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106 वर्षीय श्रीमती फूला देवी बुजरक (जैन) ने संलेखना (समाधि) धारण कर किया देह परिवर्तन: अंतिम यात्रा नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली गई


बुजरक परिवार की आधार स्तंभ श्रीमती फूला देवी बुजरक( जैन) ने आचार्य श्री 108 समय सागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं निर्यापक मुनि 108 सुधा सागर जी महाराज एवं आर्यिका उपशांत मति माताजी के सानिध्य में विगत 30 दिनों से अन्न एवं 6 दिनों से जल आदि का त्याग कर संलेखना व्रत को धारण कर देव शास्त्र एवं गुरु का स्मरण करते हुए नश्वर देह का त्याग बुधवार रात्रि 1.40 बजे चतुर्दशी के पवित्र दिवस पर किया। पढ़िए सतीश जैन की रिपोर्ट…


पिपरई (अशोक नगर)। बुजरक परिवार की आधार स्तंभ श्रीमती फूला देवी बुजरक( जैन) ने आचार्य श्री 108 समय सागर जी महाराज के आशीर्वाद एवं निर्यापक मुनि 108 सुधा सागर जी महाराज एवं आर्यिका उपशांत मति माताजी के सानिध्य में विगत 30 दिनों से अन्न एवं 6 दिनों से जल आदि का त्याग कर संलेखना व्रत को धारण कर देव शास्त्र एवं गुरु का स्मरण करते हुए नश्वर देह का त्याग बुधवार रात्रि 1.40 बजे चतुर्दशी के पवित्र दिवस पर किया। उनके समधी श्री प्रमोद कुमार जी बुजरक (जैन) की माता जी 106 वर्षीय फूला देवी जी की (अंतिम यात्रा) डोला नगर के प्रमुख मार्गों से निकाली गई। जिसमें सभी समाज एवं वर्गों के नागरिकों ने बहुत अधिक संख्या में उपस्थित होकर अपनी सहभागिता दी।

श्रीमती फूला देवी बुजरक 2 माह से सागर नगर में मुनि पुंगव सुधा सागर जी महाराज के मार्गदर्शन में धर्म साधना में लीन थीं। उनकी इस साधना में उनका पूरा बुजरक परिवार एवं ब्र. बहन सुनीता दीदी एवं हेमलता दीदी पूर्ण समर्पण भाव से सहभागी बनी। इस अवसर पर उनके सुपुत्र श्री सुरेश कुमार, अशोक कुमार, विजय कुमार, प्रमोद कुमार, सनत कुमार के साथ ही समाज श्रेष्ठी श्री संजीव जैन, जितेंद्र जी सिंघई, राहुल जैन, प्रदीप जैन, अशोक जैन सहित बहुत अधिक संख्या में समाज के महिला एवं पुरुष मौजूद थे।

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